हरदीप पुरी बोले: पीएम आवास योजना के तहत आवंटित हुए 1.15 करोड़ आवास, अगले 18 महीनों में हासिल कर लेंगे लक्ष्य

Mar 28,2022

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) की शुरुआत जून 2015 में हुई थी और दो साल तक कोरोना वायरस महामारी के बावजूद जल्द ही इस योजना के उद्देश्य पूरे हो जाएंगे। 

आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का उद्देश्य और इस योजना को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का सपना अगले 18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।


 

सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए पुरी ने कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत 1.15 करोड़ आवास आवंटित किए हैं। यह योजना मार्च 2022 में समाप्त हो जाएगी। इसके तहत कई परियोजनाएं अगले 18 महीनों में पूरी हो जाएंगी।


 

पुरी ने कहा कि इस योजना को 31 मार्च 2022 से आगे बढ़ाने पर विचार नहीं किया जा रहा है। पीएम आवास योजना शहरी की शुरुआत जून 2015 में हुई थी। घरों की मांग एक करोड़ के शुरुआती अनुमान से काफी आगे निकल गई है।

 

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंग पुरी ने आगे कहा कि इस योजना के तहत आवंटित किए गए आवासों की संख्या 1.15 करोड़ हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के बाकी बचे तीन दिनों में इस आंकड़े में और इजाफा होने की उम्मीद है। 

 

राजीव रत्न आवास योजना के 35000 फ्लैट दिल्ली सरकार केंद्र को सौंपे : पुरी

हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में बताया कि दिल्ली स्थिति घोघा में बने राजीव रत्न आवास योजना के 35 हजार गैर आवंटित फ्लैट वह केंद्र सरकार को सौंप दे। ताकी किफायती किराये के मकान के तौर इसे कामगारों को दिया जा सके।

 

पुरी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने लिखित में बताया है कि घोघा परियोजना का एक ब्लॉक चोरी के कारण धराशायी हो गया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना काल में चोरों ने स्टील तक उखाड़ ले गए, इससे ढांचा गिर गया। पुरी ने बताया कि इन आवासीय परिसरों का निर्माण 2007-10 में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत किया गया था। यह 35 हजार घर खाली पड़े हैं, इन्हें अब तक आवंटित नहीं किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बने इन मकानों में से 11 फरवरी को 35 घरों का एक ब्लॉक ढह गया था।

 

पुरी ने कहा इस घटना के बारे में दिल्ली सरकार से जानकारी मांगी गई थी, सरकार ने बताया है कि अराजक तत्वों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई चोरी के कारण मकानों को नुकसान हुआ और वह ढह गए। उन्होंने कहा केंद्र ने राज्य सरकार से कहा था कि वह इन घरों को उन्हें मुहैया कराए, ताकि यह आवास उन लोगों को फौरी तौर पर आवंटित किए जा सकें, जो कि काम की तलाश में दिल्ली आते हैं।






Related Media