Punjab Kesari | वैश्विक उर्जा की बढ़ी हुई मांग का 25 फीसदी उत्पादन करेगा भारतः हरदीप पुरी

Oct 13,2022

केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि अगले 2 दशकों में वैश्विक ऊर्जा में मांग की वृद्धि का 25 प्रतिशत उत्पादन भारत करेगा। वह स्यूस्टन टैक्सास में "भारत-अमरीका रणनीतिक सांझेदारी रहने में अवसर " पर एक गोलमेज सम्मेलन सूचित को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरित उपलब्धता के लिए वचनबद्ध है। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में हरदीप पुरी ने कहा कि जैव ईंधन, गैस आधारित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, पैट्रोकेमिकल्स और अपस्ट्रीम क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं स्पष्ट हैं और इसे हमारी निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के सुधार उपायों के कारण, वैश्विक तेल कंपनियों की भारत में बच्चों परिवर्तन और सभी के लिए ऊर्जा की अभूतपूर्व रुचि हैं।

कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए वचनबद्ध है भारत
भारत ने हाइड्रोजन और जैव- ईंधन के माध्यम से कम कार्बन उत्सर्जन करने की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। हरदीप एस. पुरी ने कहा कि वर्तमान में कई चुनौतियों के बावजूद भारत की ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता कम नहीं होने वाली है। इस गोलमेज सम्मेलन में 35 कंपनियों के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें एक्सॉनमोबिल, शेवरॉन, चिनियर, लैजेटेक, हनीवेल, बेकर ह्यूजेस, एमर्सन, टेल्यूरियन जैसी ऊर्जा कंपनियों का वरिष्ठ नेतृत्व शामिल था।

इस कार्यक्रम में भारतीय ऊर्जा सार्वजनिक उपक्रमों ने भी भाग लिया। केंद्रीय पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि भारत लगभग 10 लाख वर्ग किलोमीटर में नो-गो क्षेत्रों को 99 प्रतिशत तक कम करके उत्पादन को युक्तिसंगत बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए बड़े सुधार कर रहा है। जिससे राष्ट्रीय डिपॉजिटरो रजिस्ट्री के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाला भूवैज्ञानिक डाटा उपलब्ध हो सके।

इस दौरान दुनिया की तेल और गैस राजधानी (ह्यूस्टन) में विशेषः कोल-बेड मीथेन (सीबीएम) बोली लगाने के दौर का शुभारंभ किया। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि भारत अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग में वृद्धि का 25 प्रतिशत पूरा करेगा।उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति वैश्विक लोक के प्रति प्रतिबद्धताओं, हरित संक्रमण के लिए और सभी के लिए ऊर्जा उपलब्धता, सामथ्र्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।






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