Navbharat Times | मोदी के मंत्री नहीं मिसाइल हैं... जयशंकर के बाद हरदीप सिंह पुरी की क्यों हो रही वाह-वाह, जानिए

Nov 02,2022

स-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद अमेरिका चाहता था कि भारत उसकी हां में हां मिलाए। उसने पूरी कोशिश भी करके देख ली कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे। पश्चिमी मीडिया में भारत और रूस को लेकर काफी कुछ कहा गया लेकिन भारत ने वही किया जो उसके हित में था। आज सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की काफी चर्चा हो रही है। CNN को दिया गया उनका एक इंटरव्यू वायरल हो गया है। उन्होंने ऐंकर की ऐसी बोलती बंद की कि लोग पुरी (Hardeep Singh Puri) के तेवर की बातें करने लगे हैं। लोग वीडियो देखकर कह रहे हैं कि मोदी सरकार के मंत्री नहीं मिसाइल हैं। कुछ दिन पहले ऐसी ही चर्चा विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हो रही थी। तब पश्चिम एक रिपोर्टर ने रूसी तेल खरीदने को लेकर जयशंकर पर सवाल दागा था। मोदी के मंत्री ने कहा था कि आपने तेल का जिक्र किया तो मैं आपसे कहूंगा कि आप यूरोप पर पहले ध्यान दीजिए। हमारी एक महीने की रूसी तेल की खरीद यूरोप की एक दोपहर की खरीद से भी कम है।

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भारत किसी देश को ध्‍यान में रखकर तेल नहीं खरीदता बल्कि जरूरतों को ध्‍यान में रखकर आयात करता है। रूस से ज्‍यादा तेल खरीदने पर कोई अफसोस नहीं... मोदी सरकार पर किसी का प्रेशर नहीं।
सीएनएन को दिए इंटरव्यू में बोले हरदीप पुरी

पुरी की चर्चा की वजह जान लीजिए

दरअसल, सीएनएन ने मोदी सरकार के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को स्टूडियो में बुलाया था। स्पेशल इंटरव्यू में रूसी तेल खरीदने पर ताबड़तोड़ सवाल किए गए। ऐंकर की बातों से ऐसा लगा जैसे वह भारत को कठघरे में खड़ा करने की मंशा से सवाल कर रही थीं। लेकिन पुरी ने जब बोलना शुरू किया तो CNN ऐंकर फैक्ट के पन्ने पढ़ने लगीं। जी हां, ऐंकर ने रूस से सस्ते रेट पर भारत के तेल खरीदने की भूमिका बनाते हुए गलत फैक्ट रख दिए। ऐसे में जैसे ही पुरी ने बोलना शुरू किया, उन्होंने ऐंकर को करेक्ट करते हुए कहा कि सबसे पहले आप जान लें कि हमने 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में रूसी तेल की खरीद 2 प्रतिशत नहीं बल्कि 0.2 प्रतिशत की थी। उन्होंने एक बार फिर जयशंकर वाली बात अपने अंदाज में रखी। उन्होंने कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि यूरोप जितना तेल दोपहर तक में खरीद लेता है, भारत उसका बस एक तिहाई तेल ही रूस से आयात कर रहा है। ऐसे में आपका दृष्टिकोण बिल्कुल साफ होना चाहिए।

रूस हमारा सबसे बड़ा सप्लायर नहीं
पुरी ने आगे कहा कि रूस भारत के लिए तेल का सबसे बड़ा सप्लायर नहीं है। वह 0.2 प्रतिशत तेल देता है और भारत के 4-5 टॉप सप्लायर्स में से एक है। पिछले महीने भारत को सबसे ज्यादा तेल इराक ने दिया था। ऐसे में दुनिया में इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। देश में 1.34 अरब आबादी है और हम सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें एनर्जी- चाहे वह डीजल हो या पेट्रोल मिलता रहे।

प्रतिबंध की बात पर पुरी ने ऐंकर को खूब सुनाया
इंटरव्यू के दौरान जब पुरी बोल रहे थे तो ऐंकर सिर झुकाए अपने फैक्ट्स पढ़ती नजर आईं। पूछते-पूछते उन्होंने सवाल किया कि अगर पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाते हैं तो क्या भारत के पास कोई बैकअप प्लान है। इस पर भारत सरकार के आवासन और शहरी मामलों के मंत्री, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने झट से जवाब दिया कि हमारे पास कई बैकअप प्लान हैं। हम वैसा नहीं देख रहे हैं, जैसा आप चीजों को देख रही हैं। हमारी अमेरिका और यूरोप के साथ स्वस्थ चर्चा चल रही है। प्रतिबंध के सवाल पर पुरी ने सख्त लहजे में कहा कि आप स्टूडियो में बैठकर नरैटिव बना रही हैं, तो ऐंकर ना-ना करने लगीं।

मोदी सरकार पर कोई प्रेशर नहीं
पुरी ने कहा कि मैंने अमेरिकी पक्ष के साथ चर्चा की है और ऐसी कोई बात नहीं है। एक बात मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम किसी प्रेशर को नहीं मानते। मोदी सरकार पर किसी का प्रेशर नहीं है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। इसके बाद अंग्रेजी में पुरी ने सीएनएन ऐंकर को खूब सुनाया।

भारत और दुनिया में बसे भारतीयों ने जब इंटरव्यू का वीडियो देखा तो ट्विटर पर शेयर करने लगे। आएशा ने हरदीप पुरी को अपना फेवरिट बताया। भीकू ने लिखा कि मोदी जी ने तो हीरे तराशे हैं। मोदी सरकार की विदेश नीति को यूरोप सेट नहीं कर सकता है। मोदी सरकार पर किसी का प्रेशर नहीं... पुरी के ऐसे बयानों को लोग ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं।






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