Prabhat Khabar | Petrol Diesel Price : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, अप्रैल 2022 से तेल के दामों में नहीं हुआ इजाफा

Jan 23,2023

Petrol Diesel Price : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया भर में ऊर्जा कीमतें बढ़ गईं. इसके बावजूद, भारत में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की कीमत दिसंबर, 2021 से दिसंबर 2022 के दौरान सिर्फ 3 प्रतिशत बढ़ीं. उन्होंने कहा कि इस दौरान अमेरिका में डीजल 34 प्रतिशत महंगा हो गया, जबकि कनाडा में इसके दाम 36 प्रतिशत बढ़े.

पुरी ने बताया, इस वजह से तेल के दाम है स्थिर

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमने एक्साइज ड्यूटी कम कर रखी है इसलिए तेल के दाम स्थिर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उत्खनन क्षेत्र को बढ़ाकर 2025 तक पांच लाख वर्ग किलोमीटर और वर्ष 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक पहुंचाना चाहती है. इससे घरेलू कच्चा तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ने के साथ आयात पर निर्भरता भी कम होगी.

ऊर्जा सुरक्षा के लिए वैकल्पिक साधन अपनाने पर जोरः पुरी

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दुनिया का तीसरा बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा एवं बदलाव के लिए घरेलू स्तर पर तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ाने के साथ वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को तेजी से अपना रहा है. वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाट पर चलने वाली नावों को सीएनजी चालित बनाए जाने से संबंधित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगले दो दशकों में आने वाली वैश्विक ऊर्जा मांग में चौथाई हिस्सा अकेले भारत का रहने की संभावना है.

2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण की मंजूरी देगा भारत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल भारत अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरत और 50 प्रतिशत गैस जरूरत को आयात से ही पूरा करता है. ऐसी स्थिति में भारत को तेल-गैस आयात पर विदेशी मुद्रा का बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है. इस निर्भरता को कम करने के लिए भारत ने गन्ने के रस से बनने वाले एथेनॉल को एक सीमा तक पेट्रोल में मिलाने की मंजूरी दे दी है. पुरी ने कहा कि वर्ष 2025 तक भारत पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण की मंजूरी दे देगा. उन्होंने कहा, हमारी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति चार स्तंभों पर आधारित है. ऊर्जा आपूर्ति में विविधता, उत्खनन एवं उत्पादन फुटप्रिंट को बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल और गैस-आधारित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये ऊर्जा बदलाव लाना इस रणनीति के केंद्र में हैं.






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