Republic Bharat | रूसी तेल खरीद पर अमेरिकी पत्रकार को हरदीप सिंह पुरी का करारा जवाब, बोले- ‘भारत किसी दवाब में नहीं है’

Nov 01,2022

भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Indian minister of petroleum and natural gas, Hardeep Singh Puri) ने सीएनएन के बेकी एंडरसन के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि रूसी तेल खरीदने (buying Russian oil) में "कोई नैतिक संघर्ष नहीं है" (there is no moral conflict) । केंद्रीय मंत्री ने अमेरिकी पत्रकार को आइना दिखाते हुए कहा कि भारत रूसी तेल यूरोप (Europe) की तुलना में बहुत कम आयात करता है। पिछले वित्तीय वर्ष में रूसी तेल की खरीद 0.2% थी। यूरोप एक दिन में ही इतना तेल खरीदता है जो हम रूस से एक तिमाही में खरीदते हैं।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि "हम एक्स या वाई से तेल नहीं खरीदते हैं। हमें जहां से भी उपलब्ध है वहां खरीदते हैं। मैं खरीदारी नहीं करता, सरकार खरीद नहीं करती बल्कि तेल कंपनियां हैं जो खरीदारी करती हैं। कंपनिया आर्थिक लाभ के लिए व्यापार करती हैं। उन्होंने कहा कि "हमें जहां से भी तेल और गैस मिलेगी, हम वहां से खरीदेंगे।"

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत को तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता इराक था। नैतिकता के विषय पर बोलते हुए पुरी ने कहा कि “हम अपने लोगों के प्रति अपना नैतिक कर्तव्य निभाते हैं। हमारी 1.34 अरब की आबादी है और हमें यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें ऊर्जा (चाहे वह पेट्रोल या डीजल हो) की आपूर्ति होती रहे।" 

जब एंडरसन ने पुरी से पूछा कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिम और अमेरिका ने कड़े कदम उठाए हैं? क्या अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल की खरीद कम करने के लिए दवाब डाला था। इस पर पुरी ने जवाब दिया "मैं अभी अमेरिका से वापस आया हूं। मैंने रिकॉर्ड पर कहा है - हम कोई दबाव महसूस नहीं करते हैं। मोदी सरकार दबाव महसूस नहीं करती। हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।"

पुरी ने एंडरसन को ऊर्जा बाजारों के सिद्धांतों के बारे में बताया
एंडरसन ने पुरी से पूछा कि क्या होगा यदि अमेरिका या यूरोपीय यूनियन ने भारत से रूसी तेल खरीद को रोकने के लिए कहे। जिसके जवाब में पुरी ने उन्हें ऊर्जा बाजारों के मूल सिद्धांतों को समझाने का प्रयास किया। पुरी ने कहा कि यदि कोई देश रूस से तेल नहीं खरीदेगा तो रूस ऊर्जा बाजार से बाहर हो जाएगा, रूस का सारा तेल स्टॉक में पड़ा रहेगा इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों का क्या होगा? अभी सभी देश तेल खरीदते हैं इससे कीमत पर लगाम लगती है। यदि देश तेल खरीदना बंद कर देंगे तो कीमतें 200 डॉलर तक चली जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यदि भारत रूसी तेल की खरीद बंद कर तो इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें आसमान छूने लगेगी, यदि भारत उन जगहों से तेल खरीदना शुरू कर देता है जहां से यूरोप खरीद रहा है, तो कीमतों बेतहासा बढ़ जाएंगी।”






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