Transport for All Challenge: स्मार्ट सिटी भागलपुर बना चैंपियन, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की घोषणा

Jun 08,2022

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा भागलपुर को परिवहन फार आल चैलेंज के स्टेज वन के चैंपियन के रूप में घोषित किया गया। 100 स्मार्ट सिटी शहर इस चैलेंज प्रतियोगिता में शामिल हुई थी। तीन चरणों की प्रतियोगिता के पहले चरण में 46 शहर सफल हुए है। इसमें बिहार से भागलपुर, पटना व मुजफ्फरपुर शहर ने सफलता हासिल की है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी घोषणा की। सभी स्मार्ट सिटी मिशन शहर और पांच लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहर के लिए यातायात बड़ी चुनौती हैं। पहले चरण में समस्यों का निदान कैसे करने पर प्रतियोगिता हुई। जिसमें घर-घर जाकर फीडबैक लिया गया था। दूसरे चरण में यातायात समस्या का निदान करने पर प्रतियोगिता होगी। तीसरे चरण में मंत्रालय से सुझाव मिलेगा।

तीसरे चरण में 10 शहरों का चयन होगा। इसके तहत सिटी बस सेवा, शेड, स्टेंड, बस स्टेंड व यातायात व्यवस्था के लिए सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग देगा। इस चैलेंज की शुरुआत अप्रैल 2021 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संस्थान के साथ साझेदारी में लांच किया था। इसमें सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए समाधान विकसित करने के लिए परिवहन और विकास नीति तय की जाएगी। चरण एक में भागलपुर ने शैक्षणिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों के साथ परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख सरकारी हितधारकों के साथ एक टास्क फोर्स का गठन किया था।

भागलपुर ने 6936 से अधिक नागरिकों और 524 अनौपचारिक सार्वजनिक परिवहन (शेयर आटो, निजी बस) चालकों के साथ सर्वेक्षण किया। इसे देश में सबसे बड़े सार्वजनिक परिवहन डेटा अभ्यासों में से एक बना दिया। भागलपुर ने समस्या विवरण विकसित करने के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उपयोग किया। भागलपुर ने समस्या की पहचान की, जिसमें अनियमित यातायात व्यवस्था, पार्किंग क्षेत्र की कमी, स्थानीय बसों की अनुपलब्धता, सरकार की कमी शामिल थी। बस स्टैंड और आटो-रिक्शा स्टैंड, ई-रिक्शा का पंजीकरण (अवैध वाहनों को कम करने के लिए), क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान। इस प्रकार यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन की ओर आकर्षित करने और इसे हल करने के लिए कार्यों को शुरू किया। भागलपुर उन 46 चैंपियन शहरों में से एक है जो अब चुनौती के चरण दो के लिए योग्य हैं।

चरण दो में शहर के सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, सुविधाजनक, सस्ती और सुलभ बनाने में मदद करने के लिए समाधान बनाने और परीक्षण करने के लिए स्टार्ट-अप के साथ काम करेंगे। सेवा निगरानी और बस परिवहन की प्राथमिकता देना होगा। चुनौती का उद्देश्य शहरों, नागरिक समूहों और स्टार्ट-अप को एक साथ लाना है ताकि ऐसे समाधान विकसित किए जा सकें। बेहतर ढंग से सार्वजनिक परिवहन में सुधार किया जाएगा। चैलेंज का पहला संस्करण डिजिटल इनोवेशन पर केंद्रित है।






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