ZEE Business | CNG गाड़ियों और ट्रेन के बाद अब गैस से गंगा में गोते लगा रहीं बनारस की नाव, PM मोदी की इच्छा हुई पूरी

Jan 22,2023

अगर आप भी काशी की यात्रा पर जाने वाले हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. गंगा के तटों पर अब आपको बहुत कुछ बदला हुआ मिलेगा. तटों पर नौका विहार के लिए तैनात नौकाएं अब कम शोर के साथ आपको सफर कराएंगे. साथ ही वायु प्रदुषण भी कम होगा. क्योंकि केंद्र सरकार की पहल से अब यहां नौकाओं को CNG में बदलने की कवायद तेज कर दी गई है. जारी आंकड़ों के मुताबिक अबतक 583 नौकाओं को CNG-चालित नौकाओं में बदला जा चुका है. इसकी जानकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (hardeep singh puri) ने रविवार को दी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाराणसी में गंगा पर चलने वाली नावों के पूरे बेड़े को पर्यावरण के अनुकूल फ्यूल से बदलने की योजना है. इन नावों को CNG की आपूर्ति नमो घाट पर गेल (GAIL) की तरफ से स्थापित देश के पहले तैरते हुए CNG स्टेशन से की जा रही है.

PM मोदी ने जताई थी इच्छा
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) ने पवित्र गंगा पर CNG वाली नौकाएं चलाने की इच्छा जताई थी. 500 नावों के लक्ष्य के मुकाबले 583 नावों को पहले ही CNG में बदला जा चुका है. हम 2,000 नावों को सीएनजी-चालित बनाने के लिए काम कर रहे हैं. CNG फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए इस पवित्र शहर के तट पर CNG से चलने वाली नावों का लक्ष्य रखा गया है. 

पर्यावरण के साथ कम होगा शोर
पुरी ने कहा कि डीजल इंजन की तुलना में CNG इंजन कम प्रदूषणकारी होता है. ये सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी नहीं करते हैं. इसके अलावा CNG इंजन काफी शांत भी होते हैं, जिससे जलीय जीवन और घाटों के साथ स्थित ऐतिहासिक धरोहरों पर डीजल इंजनों के तेज शोर के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है. 

नाविकों का बचेगा हजारों रुपए
उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है. वाराणसी (Varanasi) दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है, जहां परंपरा आधुनिकता के साथ मिलती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि CNG इंजन से न केवल प्रदूषण में कमी आती है, बल्कि नाविकों के लिए हर साल 25,000 रुपए से 30,000 रुपए बचाने में भी मदद मिलेगी.






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